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Wednesday, August 22, 2018

गुप्त साम्राज्य।

     

                   गुप्त साम्राज्य


   राजधानी:     पाटलिपुत्र 
   भाषा:           संस्कृत, प्रकृति 
   धर्म:             हिंदू, बौद्ध, जैन
   शासन:         राजतंत्र 

➢ गुप्त वंश के बारे में महत्वपूर्ण बातें:

  • गुप्त साम्राज्य का उदय तीसरी शताब्दी के अंत में प्रयाग के निकट कौशाम्बी में हुआ।
  • गुप्त वंश का संस्थापक श्रीगुप्त (240-280 ई0) था
  • श्रीगुप्त का उत्तराधिकारी घटोत्कच (280- 320 ई0) हुआ।
  • गुप्त वंश का प्रथम महान सम्राट् चन्द्रगुप्त प्रथम था। यह 320 ई0 में गद्दी पर बैठा। इसने लिच्छवी राजकुमारी कुमार देवी से विवाह किया। इसने 'महाराजाधिराज' की उपाधि धारण की।
  • गुप्त संवत्  (319-320 ई0) की शुरुआत चन्द्रगुप्त प्रथम ने की।
  • चन्द्रगुप्त प्रथम का उत्तराधिकारी समुद्रगुप्त हुआ, जो 335 ई0 में राजगद्दी पर बैठा। इसने आर्यावर्त्त के 9 शासकों और दक्षिणावर्त्त के 12 शासकों को पराजित किया। इन्हीं विजयों के कारण इसे भारत का नेपोलियन कहा जाता है।
  • समुद्रगुप्त का दरबारी कवि हरिषेण था।
  • समुद्रगुप्त विष्णु उपासक था।
  • समुद्रगुप्त ने अश्वमेधकर्त्ता की उपाधि धारण की।
  • समुद्रगुप्त संगीत-प्रेमी था। ऐसा अनुमान उसके सिक्कों पर उसे वीणा-वादन करते हुए दिखाया जाने से लगाया गया है।
  • समुद्रगुप्त ने विक्रमंक की उपाधि धारण की थी। इसे कविराज भी कहा जाता है।
  • समुद्रगुप्त का उत्तराधिकारी चन्द्रगुप्त-II हुआ, जो 380 ई0 में राजगद्दी पर बैठा।
  • चन्द्रगुप्त-II के शासनकाल में चीनी बौद्ध यात्री फाहियान भारत आया।
  • शकों पर विजय के उपलक्ष्य में चन्द्रगुप्त-II ने चाँदी के सिक्के चलाए।
  • चन्द्रगुप्त-II का उत्तराधिकारी कुमारगुप्त या गोविंदगुप्त  (415-454 ई0) हुआ।
  • नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना कुमारगुप्त ने की थी।
  • कुमारगुप्त का उत्तराधिकारी स्कंधगुप्त (455- 467 ई0) हुआ।
  • स्कंधगुप्त ने गिरनार पर्वत पर स्थित सुदर्शन झिल का पुनरुत्थान किया।
  • स्कंधगुप्त ने पर्णदत्त को सौराष्ट्र का गवर्नर नियुक्त किया।
  • स्कंधगुप्त के शासनकाल में ही हूणों का आक्रमण शुरू हो गया।
  • अंतिम गुप्त शासक भानुगुप्त था।


  • चन्द्रगुप्त-II के शासनकाल में संस्कृत भाषा का सबसे प्रसिद्ध कवि कालिदास थे।
  • चन्द्रगुप्त-II के दरबार में रहनेवाला आयुर्वेदाचार्य धन्वन्तरि थे।
  • गुप्तकाल में विष्णु शर्मा द्वारा लिखित पंचतंत्र (संस्कृत) को संसार का सर्वाधिक प्रचलित ग्रंथ माना जाता है। बाइबिल के बाद इसका स्थान दूसरा माना जाता है। 
  • चन्द्रगुप्त-II के दरबार में रहनेवाले कुछ प्रमुख विद्वान थे- आर्यभट्ट,वाराहमिहीर,ब्रह्मगुप्त आदि।
  • पुराणों की वर्तमान रूप में रचना गुप्तकाल में हुई। इसमें ऐतिहासिक परम्पराओं का उल्लेख है।
  • गुप्तकाल में चाँदी के सिक्कों को रूप्यका कहा जाता था।
  • मंदिर बनाने की कला का जन्म गुप्तकाल में ही हुआ।
  • सांस्कृतिक उपलब्धियों के कारण गुप्तकाल को भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग कहा जाता है।

  • गुप्त साम्राज्य की सबसे बड़ी प्रादेशिक इकाई 'देश' थी, जिसके शासक को गोप्ता कहा जाता था।
  • दूसरी प्रादेशिक इकाई 'भुुुक्ती थी, जिसके शासक उपरिक कहलाते थे।
  • भुुुक्ती के नीचे विषय नामक प्रशासनिक इकाई होती थी, जिसके प्रमुख विषयपति कहलाते थे।
  • ग्राम प्रशासन की सबसे छोटी इकाई थी।
  • पुलिस विभाग का मुख्य अधिकारी दण्डपाशिक कहलाता था।
  • ग्राम- सभा का मुखिया ग्रामीक कहलाता था।
  • गुप्तकाल में उज्जैन सर्वाधिक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र था।
  • अंजता में निर्मित कुल 29 गुफाओं में वर्तमान में केवल 6 ही शेष हैं, जिनमें गुफा संख्या 16 और 17 ही गुप्तकालीन हैं। इसमें गुफा संख्या 16 में उत्कीर्ण मरणासन्न राजकुमारी का चित्र प्रशंसनीय है।
  • गुफा संख्या 17 के चित्र को चित्रशाला कहा जाता है। इस चित्रशाला में बुध्द के जन्म, जीवन, महाभिनिष्क्रमण और महापरिनिवार्ण की घटनाओं से संबंधित चित्र उध्द्दत किए गए हैं।
  • अंजता की गुफाएँ बौध्द धर्म की महायान शाखा से संबंधित हैं।

नोट: गुप्त सम्राट वैष्णव धर्म के अनुयायी थे।

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