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Thursday, August 16, 2018

तुगलक वंश

                     

        तुगलक वंश (1320- 1398 ई0)


    राजधानी:                   दिल्ली 
    भाषा:                        फारसी 
    धर्म:                           सुन्नी इस्लाम 
    शासन:                       सल्तनत 


    प्रथम सुल्तान:         गयासुद्दीन तुगलक
   अंतिम सुल्तान:        नासिरुद्दीन महमूद


           तुगलक वंश दिल्ली सल्तनत का एक राजवंश था। गयासुद्दीन तुगलक ने इस वंश की स्थापना की थी। तुगलक वंश को तुर्क नस्ल की एक जाति मानी जाती हैं।
गयासुद्दीन तुगलक, मुहम्मद बिन तुगलक और फिरोज तुगलक इस वंश के योग्य शासक थे। मुहम्मद बिन तुगलक केे शासनकाल में दक्षिण भारत में विजयनगर और बहमनी नाम के दो स्वतंत्र राज्य की स्थापना हुई थी। अफ्रीक यात्री इब्नबतूता इस शासनकाल में भारत आया था। तैमूरलंग का आक्रमण और उत्तराधिकार का अभाव इस वंश के समाप्त होने केे कारण माने जाते हैैं। इस वंश ने 1320- 1398 ई0 तक शासन किया।


 ➢   तुगलक युग के बारे महत्त्वपूर्ण बातें:
  • गयासुद्दीन तुगलक ने तुगलक वंश की स्थापना की थी।
  • गाजी मलिक 5 सितम्बर, 1320 ई0 को खिलजी वंश के खुशरों खाँ को पराजित कर गयासुद्दीन तुगलक के नाम से 8 सितम्बर, 1320 ई0 को दिल्ली के सिंहासन पर बैठा।
  • गयासुद्दीन तुगलक ने करीब 29 बार मंगोल आक्रमण को विफल किया था।
  • गयासुद्दीन तुगलक ने दिल्ली के समीप स्थित पहाड़ियों पर तुगलकाबाद नाम का एक नया नगर स्थापित किया। रोमन शैली में निर्मित इस नगर में एक दुर्ग का निर्माण भी हुआ था। इस दुर्ग को छप्पनकोट के नाम से भी जाना जाता हैं।
  • इसने सिंचाई के लिए कुएँ एवं नहरों का निर्माण करवाया। सम्भवतः नहरों का निर्माण करने वाला गयासुद्दीन तुगलक प्रथम शासक था।
  • गयासुद्दीन तुगलक की म्रत्यु 1325 ई0 में बंगाल के अभियान से लौटते समय जूना खाँ द्वारा निर्मित लकड़ी के महल में दबकर हो गयी थी।


  • गयासुद्दीन तुगलक के बाद जूना खाँ मुहम्मद बिन तुगलक के नाम से दिल्ली की गद्दी पर बैठा।
  • मध्यकाल के सभी सुल्तानों में मुहम्मद बिन तुगलक सर्वाधिक शिक्षित, विद्वान एवं योग्य व्यक्ति था।
  • मुहम्मद बिन तुगलक द्वारा किए गए चार योजनाएँ निम्न थी-
  1. राजधानी- परिवर्तन।
  2. सांकेतिक मुद्रा की शुरुआत।
  3. दोआब क्षेत्र में कर वृद्धि।
  4. खुरासन एवं कराचिल का अभियान।
  • मुहम्मद बिन तुगलक ने कृषि के विकास के लिए 'अमिर-ए-कोही' नामक एक नवीन विभाग की स्थापना की।
  • मुहम्मद बिन तुगलक ने अपनी राजधानी दिल्ली से देवगिरी लाया और इसका नाम दौलताबाद रखा।
  • अफ्रीकी यात्री इब्नबतूता लगभग 1333 ई0 में भारत आया था। सुल्तान ने इसे काजी नियुक्त करवाया और 1342 ई0 मेें इसे अपने राजदूत के रूप में चीन भेजा।
  • इब्नबतूता की पुस्तक रेहला में मुहम्मद बिन तुगलक के समय की घटनाओं का वर्णन है।
  • मुहम्मद बिन तुगलक शेख अलाउद्दीन का शिष्य था। वह सल्तनत का पहला शासक था, जो अजमेर में शेख मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह और बहराइच में सालार मसूद गाजी के मकबरे में गया था।
  • मुहम्मद बिन तुगलक ने बदायूँ में मीरन मुलहीम, दिल्ली में शेख निजामुद्दीन औलिया, मुल्तान में शेख रुकनुद्दीन चिश्ती की दरगाह और अजुधन में शेख मुल्तान आदि संतों की कब्र पर मकबरे बनवाए।
  • मुहम्मद बिन तुगलक के शासनकाल में दक्षिण में हरिहर एवं बुक्का नामक दो भाइयों ने 1336 ई0 में स्वतंत्र राज्य विजयनगर की स्थापना की।
  • महाराष्ट्र में अलाउद्दीन बहमन शाह ने 1347 ई0 में स्वतंत्र बहमनी राज्य की स्थापना की।
  • मुहम्मद बिन तुगलक की मृत्यु 20 मार्च, 1351 ई0 को सिंध जाते समय थट्ठा के निकट गोडाल में हो गयी थी।

  • मुहम्मद बिन तुगलक के बाद फिरोज तुगलक सुल्तान बना। इसका राज्याभिषेक थट्ठा के नजदीक 20 मार्च, 1351 ई0 को हुआ। पुनः फिरोज तुगलक का राज्याभिषेक दिल्ली में अगस्त 1351 ई0 को हुआ। खलीफा ने इसे कासिम अमिर उल मोममीन की उपाधि दी।
  •  फिरोज तुगलक ने 5 बड़ी नहरों कि निर्माण करवाया था।
  • फिरोज तुगलक ने 300 नये नगरों की स्थापना की। इनमें हिसार, फिरोजपुर, फतेहाबाद, जौनपुर, फिरोजाबाद (दिल्ली) आदि प्रमुख हैं।
  • इसके शासनकाल में ख्रिजाबाद (टोपरा गाँव) और मेरठ से अशोक के दो स्तम्भों को लाकर दिल्ली में स्थापित किया गया।
  • सुल्तान फिरोज तुगलक ने अनाथ मुस्लिम महिलाओं, विधवाओं, और लड़कियों की सहायता के लिए एक नए विभाग दीवान-ए-खैरात की स्थापना की।
  • सल्तनतकालीन सुल्तानों के शासनकाल में सबसे अधिक दासों की संख्या (करीब - 1,80,000) फिरोज तुगलक के समय थी।
  • फिरोज तुगलक ने सैन्य पदों को वंशानुगत बना दिया।
  • फिरोज तुगलक ने अपनी आत्मकथा फतूहात-ए-फिरोजशाही की रचना की।
  • इसने ज्वालामुखी मंदिर के पुस्तकालय से लुटे गए 1300 ग्रंथों में से कुछ को फारसी में विद्वान अपाउद्दीन द्वारा दलायते-फिरोजशाही नाम से अनुवाद करवाया।
  • फिरोज तुगलक ने दिल्ली में कोटला फिरोजशाह दुर्ग का निर्माण करवाया।
  • फिरोज काल में निर्मित खान-ए-जहाँ तेलंगानी के मकबरे की तुलना जेरुसलम में निर्मित उमर के मस्जिद से की जाती हैं।
  • फिरोज तुगलक की मृत्यु सितम्बर, 1388 ई0 में हो गयी।
  • तुगलक वंश का अंतिम शासक नासिरुद्दीन महमूद तुगलक था। इसका शासन दिल्ली से पालम तक ही रह गया था।
  • तैमूरलंग ने सुल्तान नासिरुद्दीन महमूद के समय में दिल्ली पर 1398 ई0 में आक्रमण किया था।


चुकिं तुगलक वंश दिल्ली सल्तनत का ही भाग         है इसलिए दिल्ली सल्तनत के बारें में कुुुुछ               महत्वपूर्ण बातें जान ले।

    दिल्ली सल्तनत (1206 -1526 ई0) 


    राजधानी:       लाहौर (1206 -1210 ई0)
                          बदांयू  (1210 -1214 ई0)
                          दिल्ली (1214 -1327 ई0)
                          दौलताबाद (1327 -1334 ई0)
                          दिल्ली   (1334 -1506 ई0)
                         आगरा  (1506 -1526 ई0)

    भाषा:               फारसी
                            हिंदवी 
    धर्म:                  सुन्नी इस्लाम 
    शासन:              सल्तनत 

    प्रथम सुल्तान:    कुतुबुद्दीन ऐबक
    अंतिम सुल्तान:   इब्राहिम लोदी

    स्थापना:        जून, 1206 ई0
   अंत:              पानीपत का प्रथम युद्ध  (अप्रैल,                             1526 ई0)

 ➢  दिल्ली सल्तनत के बारे महत्वपूर्ण बिंदु


  • 1206 ई0 से 1526 ई0 तक भारत में दिल्ली सल्तनत के पाँच राजवंशों ने शासन किया। इन पाँच राजवंशों के शासनकाल को सल्तनतकाल कहा जाता हैं। यह पाँच राजवंशों निम्न हैं।
  1. गुलाम वंश  (1206 -1290 ई0) 
  2. खिलजी वंश  (1290 -1320 ई0)
  3. तुगलक वंश  (1320 -1398 ई0)
  4. सैयद वंश  (1414 -1451 ई0)
  5. लोदी वंश  (1451 -1526 ई0)

  • तुर्क आक्रमणकारियों द्वारा शासन किए हुए राज्य को ही दिल्ली सल्तनत कहा जाता हैं। 
  • सल्तनतकाल (1206 ई0-1526 ई0) में सुल्तान राज्य का सर्वोच्च अधिकारी होता था।
  • सुल्तान स्वयं को अल्लाह का प्रतिनिधि मानता था। कुरान के नियमों के अनुसार शासन चलाता था।
  • सुल्तान को शासन-कार्य में सहायता देने के लिए मंत्रिपरिषद होती थी।
  • सल्तनतकाल (1206 ई0-1526 ई0) में चार प्रकार के कर किए जाते थे, खम्स, खराज, जकात और जजिया (सिर्फ हिन्दुओं से)
  • साम्राज्य प्रांतो में बंटे होते थे। प्रत्येक प्रांतो का शासक सूबेदार होता था।
  • प्रधानमंत्री को वजीर कहा जाता था।

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