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Friday, August 17, 2018

लोदी वंश


       लोदी वंश (1451- 1526 ई0)


   राजधानी:      दिल्ली,आगरा 
   भाषा:           फारसी 
   धर्म:             सुन्नी इस्लाम 
   शासन:         सल्तनत 

   पहला सुल्तान:      बहलोल लोदी 
   अंतिम सुल्तान:      इब्राहिम लोदी


                 लोदी वंश की स्थापना बहलोल लोदी ने 1451 ई0 में की थी। लोदीयों को अफगान नस्ल की एक जाती मानी हैं। अनेकों समस्याओं केे बावजूद बहलोल लोदी अपने साम्राज्य का विस्तार करने मेें सफल रहा। जौनपुर का शर्की सुल्तान उसका सबसे बड़ा प्रतिद्वंदी था। लोदी वंश का वह योग्य शासक माना जाता हैं। सिकंदर लोदी ने आगरा को अपनी राजधानी बनाई थी। बिहार को अपने राज्य मेें मिलाना सिकंदर लोदी की बड़ी सफलता थी। इब्राहिम लोदी लोदी वंश अथवा दिल्ली सल्तनत का अंतिम सुल्तान था।


  ➢  लोदी वंश के बारे महत्वपूर्ण बिंदू:

  • लोदी वंश का संस्थापक बहलोल लोदी था।
  • 19 अप्रैल, 1451 ई0 को 'बहलोल शाहगाजी' की उपाधी से दिल्ली के सिंहासन पर बैठा।
  • दिल्ली पर प्रथम अफगान राज्य की स्थापना का श्रेय बहलोल लोदी को दिया जाता हैं।
  • बहलोल लोदी ने बहलोल सिक्के की शुरुआत की थी।
  • वह अपने सरदारों को मकसदे-ए-अली कहकर पुकारता था।
  • वह अपने सरदारों के खड़े रहने पर स्वयं भी खड़ा रहता था।
  • बहलोल लोदी का पुत्र निजाम खाँ 17 जुलाई, 1489 ई0 को 'सुल्तान सिकंदर शाह' की उपाधि से दिल्ली के सिंहासन पर बैठा।
  • सिकंदर लोदी ने ही आगरा शहर की स्थापना की।
  • इसने आगरा को अपनी राजधानी बनाया।
  • भूमि मापने के लिए प्रामाणिक पैमाना गजे सिकंदरी की शुरुआत सिकंदर लोदी ने की थी।
  • 'गुलरुखी' शीर्षक से फारसी कविताएँ लिखने वाला सुल्तान सिकंदर लोदी था।
  • इसके आदेश पर संस्कृत के एक आयुर्वेद ग्रंथ का फारसी में फरहंगे सिकंदरी के नाम से अनुवाद हुआ।
  • इसने नगरकोट के ज्वालामुखी मंदिर की मुर्ति को तोड़कर उसके टुकड़ों को कसाइयों को मांस तौलने के लिए दे दिया था।
  • इसने मुसलमानों को ताजिया निकालने एवं मुस्लिम स्त्रियों को पीरों और संतों के मजार पर जाने पर प्रतिबंध लगा दिया था।
  • मोठ की मस्जिद का निर्माण सिकंदर लोदी के वजीर के द्वारा करवाया गया था।
  • गले की बीमारी के कारण सिकंदर लोदी की 21 नवम्बर, 1517 ई0 को हो गयी। इसी दिन इसका पुत्र 'इब्राहिम शाह' की उपाधि से आगरा के सिंहासन पर बैठा।
  • 21 अप्रैल, 1526 ई0 को पानीपत के प्रथम युद्ध में इब्राहिम लोदी बाबर से हार गया। वह इस युद्ध में मारा गया।
  • बाबर को भारत पर आक्रमण के लिए निमंत्रण पंजाब के शासक दौलत खाँ लोदी और इब्राहिम लोदी के चाचा आलम खाँ ने दिया था।

नोट: सैय्यद वंश ने 1414-1451 ई0 तक दिल्ली              पर शासन किया था।

➢  सैय्यद वंश के बारे कुछ जानकारियां।
  • सैय्यद वंश का संस्थापक ख्रिज खाँ था। ख्रिज खाँ तैमूरलंग का सेनापति था। 
  • भारत पर आक्रमण कर लौटते समय तैमूरलंग ने ख्रिज खाँ को मुल्तान और लाहौर का शासक नियुक्त किया था।
  • ख्रिज खाँ तैमूरलंग के पुत्र शाहरुख को नियमित रूप से कर भेजा  था।
  • इसकी म्रत्यु 20 मई, 1421 ई0 में हो गयी।
  • ख्रिज खाँ के बाद उसका पुत्र मुबारक शाह शासक बना। इसने यमुना के किनारे मुबारकाबाद की स्थापना की थी।
  • सैय्यद वंश का अंतिम सुल्तान अलाउद्दीन आलम शाह था।
  • सैय्यद वंश का शासन करीब 37 वर्षों तक रहा।

➢ चुकिं सैय्यद वंश और लोदी वंश भी दिल्ली             सल्तनत का भाग है इसलिए दिल्ली सल्तनत           के बारें में कुुुुछ महत्वपूर्ण बातें जान ले।

        दिल्ली सल्तनत (1206 -1526 ई0) 


        राजधानी:       लाहौर (1206 -1210 ई0)
                              बदांयू  (1210 -1214 ई0)
                              दिल्ली (1214 -1327 ई0)
                              दौलताबाद (1327 -1334 ई0)
                              दिल्ली   (1334 -1506 ई0)
                             आगरा  (1506 -1526 ई0)

        भाषा:               फारसी
                                हिंदवी 
        धर्म:                  सुन्नी इस्लाम 
        शासन:              सल्तनत 

    प्रथम सुल्तान:    कुतुबुद्दीन ऐबक
    अंतिम सुल्तान:   इब्राहिम लोदी

     स्थापना:    जून, 1206 ई0
     अंत:          पानीपत का प्रथम युद्ध  (अप्रैल,                             1526 ई0)

     ➢  दिल्ली सल्तनत के बारे महत्वपूर्ण बिंदु


    • 1206 ई0 से 1526 ई0 तक भारत में दिल्ली सल्तनत के पाँच राजवंशों ने शासन किया। इन पाँच राजवंशों के शासनकाल को सल्तनतकाल कहा जाता हैं। यह पाँच राजवंशों निम्न हैं।
    1. गुलाम वंश  (1206 -1290 ई0) 
    2. खिलजी वंश  (1290 -1320 ई0)
    3. तुगलक वंश  (1320 -1398 ई0)
    4. सैयद वंश  (1414 -1451 ई0)
    5. लोदी वंश  (1451 -1526 ई0)

    • तुर्क आक्रमणकारियों द्वारा शासन किए हुए राज्य को ही दिल्ली सल्तनत कहा जाता हैं। 
    • सल्तनतकाल (1206 ई0-1526 ई0) में सुल्तान राज्य का सर्वोच्च अधिकारी होता था।
    • सुल्तान स्वयं को अल्लाह का प्रतिनिधि मानता था। कुरान के नियमों के अनुसार शासन चलाता था।
    • सुल्तान को शासन-कार्य में सहायता देने के लिए मंत्रिपरिषद होती थी।
    • सल्तनतकाल (1206 ई0-1526 ई0) में चार प्रकार के कर किए जाते थे, खम्स, खराज, जकात और जजिया (सिर्फ हिन्दुओं से)
    • साम्राज्य प्रांतो में बंटे होते थे। प्रत्येक प्रांतो का शासक सूबेदार होता था।
    • प्रधानमंत्री को वजीर कहा जाता था।

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