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Saturday, August 11, 2018

सूफी आन्दोलन के बारे में जानें।

                          

                         सूफीवाद


   सूफीवाद या तसव्वुफ इस्लाम का रहस्यवादी पंथ           माना जाता हैं। इनके पंथियो को सूफी कहा जाता हैं।     माना जाता है कि सूफीवाद का जन्म इराक के बसरा     शहर में करीब एक हजार वर्ष पहले हुआ। भारत में       इसके पहुँचने का कोई अधिकारीक समय के बारे           नहीं कहा जा सकता लेकिन भारत में इसका प्रचार       प्रसार ख्वाजा मुईनुददीन चिश्ती ने की।

  •  जो लोग सुफी संतो से शिष्यता ग्रहण करते थे, उन्हे मुरीद कहा जाता था।
  • सूफी जिन आश्रमों में निवास करते थे उन्हे खानकाह या मठ कहा जाता था।
  • सूफियों के धर्मसंघ दो भाग में विभाजित थे। बा-शारा (इस्लामी सिध्दांत के समर्थक) और बे-शारा  (इस्लामी सिध्दांत से बँधे नहीं)

  • भारत में चिश्ती एवं सुहरावर्दी सिलसिले की जड़ें काफी गहरी थीं।
  • 1192 ई0 में मोहम्मद गोरी के ख्वाजा मुईनुददीन चिश्ती भारत आए। इन्होने भारत में चिश्ती परम्परा की शुरूआत की।
  • चिश्ती परम्परा का मुख्य केंद्र अजमेर था।
  • चिश्ती परम्परा के कुछ महत्वपूर्ण संत थे। निजामुद्दीन औलिया, बाबा फरीद, बख्तियार काकी एवं शेख बुरहानुददीन गरीब ।
  • बाबा फरीद की रचनाएँ गुरु ग्रंथ साहिब में शामिल हैं।


  • बख्तियार काकी के शिष्य बाबा फरीद थे।
  • बाबा फरीद के शिष्य निजामुद्दीन औलिया थे।
  • निजामुद्दीन औलिया ने अपने जीवनकाल में सात सुल्तानों का शासन देखा था। निजामुद्दीन औलिया के प्रमुख शिष्य शेख सलीम चिश्ती, अमीर खुसरो,अमीर हसन देहलवी।
  • शेख बुरहानुददीन गरीब ने 1340 ई0 में दक्षिण भारत के क्षेत्रों में चिश्ती सम्प्रदाय की शुरुआत की और दौलताबाद को मुख्य केंद्र बनाया।
  • सूफियों के सुहरावर्दी धर्मसंघ की स्थापना शेख शिहाबुददीन उमर सुहरावर्दी ने की, किन्तु इसके सुदृढ़ संचालन का श्रेय शेख बदरूददीन जकारिया को जाता है। इन्होने सिंध और मुल्तान को मुख्य केंद्र बनाया।

  • सुहरावर्दी धर्मसंघ के प्रमुख संत थे- जलालुददीन तबरीजी, सैय्यद सुर्ख जोश, बुरहान आदि।
  • सुहरावर्दी धर्मसंघ ने राज्य के संरक्षण को स्वीकार किया था।
  • कादरी धर्मसंघ की स्थापना सैय्यद अबुल कादिर अल जिलानी ने की थी। इस धर्मसंघ के अनुयायी गाने-बजाने के विरोधी थे।
  • दारा शिकोह  (शाहजहां का ज्येष्ठ पुत्र) कादरी धर्मसंघ का अनुयायी था। दारा शिकोह के गुरू मुल्लाशाह थे।
  • सत्तारी धर्मसंघ की स्थापना शेख अब्दुल्ला सत्तारी ने की थी। इसका मुख्य केंद्र बिहार था।
  • नक्शबंदी धर्मसंघ की स्थापना ख्वाजा उबेदुलला ने की थी। भारत में इस धर्मसंघ का प्रचार शेख अहमद सरहिंद ने की थी।









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